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तिरुपति लड्डू मिलावट

तिरुपति लड्डू मिलावट: केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने मांगी गहन जांच, CBI को सौंपने की सिफारिश

तिरुपति लड्डू विवाद: केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने CBI जांच की मांग की Union Minister Shobha Karandlaje ने तिरुपति लड्डू विवाद के बीच आंध्र प्रदेश सरकार से CBI जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह मामला हिंदू आस्था और विश्वास पर सीधा हमला है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। Karandlaje ने Social Media पर अपने पोस्ट में कहा, “राज्य सरकार को इस मामले की गंभीरता को देखते हुए या तो एक Special team formed करनी चाहिए या इसे CBI को सौंपना चाहिए।”उन्होंने पिछले चार वर्षों में तिरुपति लड्डू के लिए घी की supply करने वाले सप्लायर्स की भी deep जांच की मांग की। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह जानना जरुरी है कि किन लोगों को टेंडर मिले और घी की supply कहां से की गई। “अब कोई confidentiality नहीं, पूरी सच्चाई सामने लाने का समय आ गया है,” उन्होंने कहा।इस मामले में Union Minister प्रह्लाद जोशी ने भी चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि जो लैब रिपोर्ट सामने आई है, वह बेहद गंभीर है और इसकी पूरी जांच होनी चाहिए। जोशी ने कहा कि यह करोड़ों लोगों की Faith का विषय है, और यदि रिपोर्ट सही साबित होती है तो दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए। Controversy की शुरुआत तब हुई जब Andhra Pradesh सरकार ने आरोप लगाया कि तिरुपति लड्डू के घी में मछली के तेल और जानवरों की चर्बी की मिलावट पाई गई है। मंदिर समिति तिरुमला तिरुपति देवस्थानम ने कहा है कि इस मिलावट का संबंध पूर्व सरकार के दौरान दिए गए ठेके से है।इस खुलासे के बाद देश भर में सनातनियों के बीच आक्रोश का माहौल है, और कुछ शहरों में protests भी हो रहे हैं। BJP नेता ने दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की है, जबकि Congress ने Chief Minister नायडू से सवाल पूछा है कि उन्होंने तीन महीने तक इस मुद्दे को क्यों छिपाए रखा। Central government ने Andhra Pradesh सरकार से इस मामले में रिपोर्ट मांगी है और जांच के बाद कार्रवाई का भरोसा दिया है। राजनीतिक हलकों में भी आरोप-प्रत्‍यारोप का दौर जारी है। ऐसे ही और अपडेट के लिए बने रहें नितिपथ के साथ। धन्यवाद! –Pooja Mishra
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BJP की दोहरी रणनीति: Haryana और Jammu – Kashmir में चुनावी मैदान में अलग-अलग हथकंडे

BJP की दोहरी चाल: Haryana और Jammu – Kashmir में अलग रणनीति Bharatiya Janata Party (BJP) आने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर Haryana और Jammu – Kashmir में पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतरी है, लेकिन दोनों राज्यों में पार्टी की रणनीति में स्पष्ट अंतर नजर आ रहा है।  में जहां पार्टी ने पारिवारिक राजनीति को बढ़ावा दिया है, वहीं जम्मू-कश्मीर में पार्टी ने नए और सरप्राइजिंग चेहरों पर फोकस किया है।हरियाणा में बीजेपी ने टिकट बंटवारे में फैमिली कार्ड का इस्तेमाल किया है। पार्टी ने कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई, किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी, केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत की बेटी आरती सिंह राव, और कई अन्य नेताओं के परिवार के सदस्यों को टिकट दिया है। इसके विपरीत, जम्मू-कश्मीर में बीजेपी ने नए चेहरों को टिकट देने पर जोर दिया है। पार्टी ने शगुन परिहार को किश्तवाड़ सीट से उम्मीदवार बनाया है, जो एक आतंकी हमले में अपने पिता को खो चुकी हैं। इस रणनीति के तहत बीजेपी ने अनुभवी चेहरों की बजाय नए और आश्चर्यजनक व्यक्तियों को चुनावी मैदान में उतारा है। हरियाणा में पार्टी ने जातीय गणित को साधने की कोशिश की है, जबकि जम्मू-कश्मीर में सामाजिक समीकरण पर ध्यान केंद्रित किया गया है। हरियाणा में बीजेपी ने ओबीसी और जाट जातियों पर फोकस किया है, जबकि जम्मू-कश्मीर में पार्टी ने कश्मीरी विस्थापितों, गुर्जर-बकरवाल और पहाड़ी समुदायों को साधने की रणनीति अपनाई है।बगावत नियंत्रण की रणनीति में भी दोनों राज्यों में भिन्नता दिखाई दे रही है। हरियाणा में बीजेपी ने वेट एंड वॉच की मुद्रा अपनाई है, जबकि जम्मू-कश्मीर में पार्टी ने तत्काल नियुक्तियों के माध्यम से नाराजगी को निपटाने की कोशिश की है। जम्मू-कश्मीर में टिकट नहीं मिलने के बाद कुछ वरिष्ठ नेताओं ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने की घोषणा की है, जिसे पार्टी ने ताबड़तोड़ नियुक्तियों के जरिए कंट्रोल करने का प्रयास किया है।फ्रीबिज के मामले में भी दोनों राज्यों में बीजेपी की रणनीति अलग है। जम्मू-कश्मीर में पार्टी ने डायरेक्ट कैश बेनिफिट और अन्य लाभों का वादा किया है, जबकि हरियाणा में इस तरह के ऐलान की कोई जानकारी नहीं है। हालांकि, चुनावी लड़ाई की कड़ी टक्कर को देखते हुए संभावना जताई जा रही है कि हरियाणा में भी इसी तरह के लाभों की घोषणा की जा सकती है। हालांकि, हरियाणा में BJP को एक के बाद बाद कुछ झटके लगे हैं..पार्टी की टिकटों की सूची के जारी होने के बाद वहां के पूर्व डिप्टी स्पीकर और बीजेपी महिला मोर्चा की उपाध्यक्ष संतोष यादव ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने पार्टी के भीतर कार्यकर्ताओं की उपेक्षा और एक व्यक्ति विशेष के अहंकार के आगे झुकने का आरोप लगाया है। यह स्थिति पार्टी के लिए एक नई चुनौती पैदा करती है, खासकर हरियाणा में जहां चुनाव नजदीक हैं और परिणामों की प्रतीक्षा की जा रही है।इन सभी घटनाक्रमों से स्पष्ट है कि बीजेपी दोनों राज्यों में चुनावी रणनीति के मामले में पूरी तरह से अलग-अलग दृष्टिकोण अपना रही है, जो आगामी चुनाव परिणामों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती है। Pooja Mishra
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कंगना रनौत का तीखा वार

कंगना रनौत का तीखा वार: जातिगत जनगणना पर विरोध, राहुल गांधी को किया कटघरे में खड़ा

कंगना रनौत ने जातिगत जनगणना का किया विरोध, राहुल गांधी पर साधा निशाना BJP सांसद कंगना रनौत ने जातिगत जनगणना के लिए असहमती जताई है उन्होनें एक टीवी चैनल से बातचीत के समय पुछने पर स्पष्ट रूप से कहा कि जातिगत जनगणना बिल्कुल भी नहीं होनी चाहिए। Kangana यह बयान तब विवादों के बीच आया है जब उन्होनें congress नेता Rahul Gandhi पर निशाना साधाते हुए कहा कि कांग्रेस नेता पूरी तरह अव्यवस्थित हैं, और यह उनके भाषणों और व्यवहार में स्पष्ट दिखाई देता है। कंगना रनौत की राजनीति में एंट्री: जातिगत जनगणना का विरोध, राहुल गांधी की खिंचाई Kangana Ranaut ने यह भी कहाँ कि Rahul Gandhi केवल कुर्सी के पीछे भाग रहे हैं, और उनकी बातें सत्ता में आने के लिए हैं, न कि जनहित के लिए।किसान आंदोलन पर अपने पहले बयानों को लेकर कंगना रनौत  को BJP से पहले ही फटकार लग चुकी है. Kangana Ranaut ने कहा कि वे पार्टी के आदेश का सम्मान करती हैं और हर आदेश का पालन करेंगी। Kangana का यह बयान राजनीतिक में चर्चा का विषय बन गया है, और जातिगत जनगणना की आवश्यकता पर नए सिरे से बहस शुरू हो गई है। –Pooja Mishra
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Jharkhand में बड़ा उलटफेर: Champai Soren ने JMM छोड़ दी

Jharkhand की राजनीति में बड़ा उलटफेर: चंपाई सोरेन ने JMM छोड़ने की घोषणा की

Jharkhand में बड़ा उलटफेर: Champai Soren ने JMM छोड़ दी Jharkhand की राजनीति में बुधवार को एक बड़ा उलटफेर सामने आया जब former chief minister Champai Soren ने Jharkhand Mukti Morcha (JMM) छोड़ने की ऐलान किया। उन्होंने न केवल पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया, बल्कि मंत्री और विधायक पद से भी इस्तीफा दे दिया। Champai Soren ने CM Hemant Soren और विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो को अपने इस्तीफे के पत्र भेजे हैं।चंपाई सोरेन ने इस्तीफे का कारण व्यक्तिगत बताया है। हालांकि, JMM अध्यक्ष शिबू सोरेन को भेजे पत्र में उन्होंने पार्टी के भीतर अपने दर्द का भी विषय बताया है। champai ने आरोप लगाया कि पार्टी में अपनी शिकायतें साझा करने का कोई मंच नहीं था, जिससे उनकी नाराजगी बढ़ गई। अब वे 30 अगस्त को रांची में BJP कार्यालय में शामिल होंगे, जहां वे BJP की सदस्यता ग्रहण करेंगे।इस बीच, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने चंपाई सोरेन की जासूसी करने का आरोप लगाते हुए झारखंड पुलिस के दो सब इंस्पेक्टरों को हिरासत में लेने की जानकारी दी है। सरमा ने गुवाहाटी में मीडिया को बताया कि दोनों सब इंस्पेक्टर चंपाई सोरेन की निगरानी कर रहे थे और उनके साथ यात्रा कर रहे थे। उन्होंने दिल्ली के ताज होटल में Champai Soren के ठहरने की जगह पर कमरा बुक कराया और उनकी गतिविधियों की जानकारी Jharkhand सरकार को दी। Jharkhand पुलिस ने इस आरोप को खारिज करते हुए कहा है कि दोनों सब इंस्पेक्टर सुरक्षा की दृष्टि से तैनात किए गए थे। Pooja Mishra
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BJP का नया सदस्यता अभियान: 2 सितंबर से 10 करोड़ नए सदस्यों को जोड़ने का लक्ष्य

BJP का व्यापक सदस्यता अभियान: 10 करोड़ नए सदस्यों के लिए मिस्ड कॉल और नमो ऐप से करें पंजीकरण

BJP का नया सदस्यता अभियान: 2 सितंबर से 10 करोड़ नए सदस्यों को जोड़ने का लक्ष्य BJP (भारतीय जनता पार्टी) ने अपने नए सदस्यता अभियान की शुरुआत की घोषणा कर दी है, जो की 2 सितंबर से 10 नवंबर तक चलेगा। BJP के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े ने बताया कि इस बार का अभियान विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि कोरोना महामारी के बाद का पहला व्यापक सदस्यता अभियान होगा। इस अभियान की शुरुआत 2 सितंबर को शाम 5 बजे पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सदस्यता प्रमाणपत्र सौंपने से होगी। यह कार्यक्रम दिल्ली स्थित BJP के केंद्रीय कार्यालय में आयोजित किया जाएगा, जहां प्रधानमंत्री मोदी मिस्ड कॉल के माध्यम से अपनी सदस्यता का नवीनीकरण करेंगे। BJP ने इस बार 10 करोड़ नए सदस्यों को जोड़ने का लक्ष्य रखा है। सदस्यता लेने के लिए देश का कोई भी नागरिक 8800002024 नंबर पर मिस्ड कॉल कर सकता है या नमो ऐप के माध्यम से पंजीकरण कर सकता है। सदस्यता अभियान कई चरणों में होगा, जिसमें पहला चरण 2 सिंतबर से शुरु हो कर 25 सितंबर को समाप्त होगा। इसके बाद 1 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक दूसरा चरण और 16 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक यह सदस्यता अभियान चलाया जाएगा। यह अभियान BJP के विचारों और उसके द्वारा किए गए कार्यों का प्रचार करने का भी एक माध्यम होगा। पार्टी ने अपने सभी मौजूदा सदस्यों को भी इस अभियान में नए सिरे से शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है, ताकि पार्टी की सदस्यता को हर पांच से छह साल में रिन्यु करने की प्रक्रिया को बनाए रखा जा सके। देशभर में यह कैम्पेन चलाया जाएगा , लेकिन चुनावी राज्यों जैसे झारखंड, महाराष्ट्र, हरियाणा, और जम्मू-कश्मीर में यह अभियान फिलहाल नहीं चलाया जाएगा।
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Haryana elections तारीख बदलने की मांग BJP और INLD

Haryana elections की तारीख बदलने की मांग पर BJP-INLD की आपत्ति, विपक्ष ने उठाए सवाल

Haryana elections तारीख बदलने की मांग BJP और INLD Haryana विधानसभा चुनाव के लिए चुनावी बिगुल बज चुका है। election Commission ने vote की तारीख 1 अक्टूबर निर्धारित की है, लेकिन अब BJP और इंडियन नेशनल लोक दल (INLD) ने इस तारीख में बदलाव की मांग की है। दोनों पार्टियों ने चुनाव आयोग को इस संबंध में पत्र लिखा है। मंगलवार, 27 अगस्त तक इस मांग पर कोई फैसला होने की संभावना है।BJPऔर INLD की मांग के पीछे लंबी छुट्टियों का हवाला दिया जा रहा है। दोनों पार्टियों का कहना है कि 28 और 29 सितंबर को शनिवार और रविवार की छुट्टियां हैं। इसके बाद 1 अक्टूबर को मतदान है और 2 अक्टूबर को गांधी जयंती, 3 अक्टूबर को अग्रसेन जयंती की छुट्टियां हैं।पार्टी नेताओं का कहना है कि इन छुट्टियों के कारण कई लोग 30 सितंबर की छुट्टी लेकर लंबा वीकेंड बना सकते हैं। इस स्थिति में मतदान प्रतिशत पर असर पड़ सकता है क्योंकि बहुत से लोग छुट्टियों पर जा सकते हैं और vote के दिन voters कम हो सकते हैं। विपक्ष ने इस मांग को BJP की चुनावी हार के डर से जोड़कर देखा है। Former Chief Minister Bhupendra Hooda ने कहा कि चुनाव आयोग ने जो तारीख तय की है, उसी अनुसार चुनाव होना चाहिए। हुड्डा का कहना है कि Haryana के लोग BJP की सरकार को सत्ता में एक दिन भी देखना नहीं चाहते। सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने भी कहा कि इस मांग से पता चलता है कि BJP चुनाव से कितनी डरी हुई है।BJP ने विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज किया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता अनिल विज ने कहा कि अगर चुनाव कल भी हो, तो भी BJP तैयार है। उन्होंने बताया कि पार्टी ने दो दिनों तक चली मैराथन बैठक में हर विधानसभा सीट के लिए तीन से चार संभावित उम्मीदवारों की सूची केंद्रीय चुनाव समिति को भेज दी है।अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या चुनाव आयोग इस मांग पर विचार करेगा और मतदान की तारीख बदलेगा? इस पर मंगलवार, 27 अगस्त को फैसला होने की संभावना है। चुनाव आयोग की एक मीटिंग होने की उम्मीद है| Pooja Mishra
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Delhi CM Arvind Kejriwal

Delhi CM Arvind Kejriwal के गिरते स्वास्थ्य को लेकर चिंता में इंडी अलायंस, जंतर-मंतर पर करेगा protests

Delhi CM Arvind Kejriwal  (Delhi Excise Policy Case) के मामले में जेल में बंद है और उन्हें बेल नही मिल पा रहा है जिसके कारण आए दिन Delhi CM Arvind Kejriwal की तबीयत खराब रहती है और उनकी हेल्थ को लेकर आम आदमी पार्टी लगातार केंद्र और BJP पर आरोप लगाता रहता है की भाजपा केजरीवाल को जेल में जान से मारने का साजिश रच रहा है और उनकी मेडिकल रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया  कि 3 जून से 7 जुलाई के बीच उनका शुगर लेवल 26 बार गिर चुका है।इस संबंध में ज्यादा जानकारी देते हुए आम आदमी पार्टी (AAP) ने गुरुवार को कहा कि विपक्षी दलों का इंडी अलायंस तिहाड़ जेल में Delhi CM Arvind Kejriwal के गिरते स्वास्थ्य का मुद्दा उठाने के लिए 30 जुलाई को यहां जंतर-मंतर पर एक रैली आयोजित करेगा। Delhi CM Arvind Kejriwal के गिरते स्वास्थ्य को लेकर चिंता में इंडी अलायंस, जंतर-मंतर पर करेगा protests यह रैली 30 जुलाई को होगी। जिसमें कई पार्टियों के नेताओं के शामिल होने की संभावना है। आम आदमी पार्टी लगातार BJP के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार और उपराज्यपाल वीके सक्सेना पर Delhi CM Arvind Kejriwal को जान से मारने का आरोप लगाती रही है। इससे पहले एलजी ने दिल्ली (Delhi News) के मुख्य सचिव को एक पत्र लिख कर कहा था कि Delhi CM Arvind Kejriwal जेल में डाइट फॉलो नहीं कर रहे हैं। जिस के वजह से उनका शुगर लेवल गिर रहा है। इसका जवाब देते हुए आप नेता संजय सिंह (Sanjay Singh) ने कहा कि पहले इन लोगों ने कहा था कि Delhi CM Arvind Kejriwal मिठाई खाकर जानबूझ कर अपनी शुगर लेवल बढ़ा रहे हैं और इन्होंने उनकी इंसुलिन तक रोक दी थी। अब ये कह रहे हैं कि केजरीवाल न कुछ खा रहे हैं और न इंसुलिन ले रहे हैं, ये क्या मजाक बना रखा है, क्या कोई खुद ही अपने स्वास्थ के साथ खिलवाड़ करता है| इस खबर को लेकर आपको क्या लगता है comment करके comment box में जरुर बताए ऐसे ही खबरो के लिए जुङे रहे नीतिपथ से जय हिन्द | नीतिपथ के लिए पूजा मिश्रा की रिपोर्ट
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Budget 2024: सातवीं बार बजट पेश करेंगी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

Budget 2024: सातवीं बार बजट पेश करेंगी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण   23 जुलाई 2024 को पेश किया जाएगाँ मोदी सरकार 3.0 का पहला बजट(Budget) । वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लगातार सातवीं बार बजट पेश करने वाली देश की पहली वित्त मंत्री बन जाएंगी। इससे पहले मोरारजी देसाई ने लगातार छह बार बजट पेश किया था। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने शनिवार को इस बात कि जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र सरकार की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इसकी मंजूरी दी है। बजट सत्र 22 जुलाई से 12 अगस्त तक चलेगा यह बजट नई सरकार का पहला पूर्ण बजट होगा इससे पहले फरवरी में सरकार ने अंतरिम बजट पेश किया था। इस बार के पूर्ण बजट में यह भी जानेगे कि किन चीजों पर विशेष ध्यान दिया गया है|  अभी तक सरकार की तरफ से बजट की तारीख को लेकर कोई official announcement  नहीं हुआ है.12 जून को लगातार तीसरी बार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कार्यभार संभाला है. आने वाले समय में निर्मला सीतारमण एक नया रिकॉर्ड भी बनाने जा रही हैं. वह देश की पहली ऐसी वित्त मंत्री महिला बन जाएंगी, जो लगातार सातवां बजट और लगातार छठा पूर्ण बजट पेश करेंगी. अभी तक उन्होंने 5 पूर्ण बजट और 1 अंतरिम बजट पेश किया है Budget 2024 में किन पर होगा सरकार का विशेष ध्यान यह बजट मिडिल क्‍लास को टैक्‍स में छूट देने, महिला सशक्तिकरण, किसानों की आय बढ़ाने और रोजगार पर फोकस कर सकता है। स्टैंडर्ड डिडक्शन लिमिट ₹50,000 से बढ़ाकर ₹1,00,000 की जा सकती है। चालीस हजार सामान्य रेल डिब्बों को भी वंदे भारत मानकों के अनुरूप परिवर्तित किया जाएगा। स्टार्टअप पर लगने वाले एंजल टैक्स को कम करने पर विचार कर सकती है। इलेक्ट्रॉनिक्स सब-असेंबली और कंपोनेंट के लिए ₹40,000 करोड़ की PLI स्कीम की संभावना है। इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) 2.0 में संशोधन लाया जा सकता है। आंध्रप्रदेश को 1 लाख करोड़ का स्पेशल पैकज मिल सकता है। पीएम आवास योजना-ग्रामीण योजना इस योजना के तहत अगले पांच वर्षों में कम से कम दो करोड़ और घर बनाए जाएंगे। किराए के मकानों में रहने वाले मध्यम वर्ग को अपना मकान खरीदने या बनाने में मदद करने की योजना लाएगी। स्टार्टअप और संप्रभु धन या पेंशन फंड द्वारा किए गए निवेश पर कर लाभ 1 वर्ष बढ़ाकर 31 मार्च 2025 तक कर दिया जायगा। एक करोड़ घरों को मिलेगी 300 यूनिट की मुफ्त बिजली, बजट में रूफटॉप सौर ऊर्जा योजना का एलान । आयुष्मान भारत योजना के तहत स्वास्थ्य देखभाल कवर सभी आशा कार्यकर्ताओं, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायकों तक बढ़ाया जाएगा। जनसंख्या वृद्धि चुनौतियों और जनसांख्यिकीय परिवर्तनों से निपटने के लिए सरकार उच्चस्तरीय पैनल बनाएगी। युवाओं के लिए 50 साल के ब्याज मुक्त ऋण के साथ 1 लाख करोड़ रुपये का कोष स्थापित किया जाएगा। सरकार 2014 से पहले अर्थव्यवस्था के कुप्रबंधन पर एक श्वेत पत्र लाएगी। ऐसे ही खबरो के लिए जुङे रहे नीतिपथ से आपकी क्या राय है comment box में जरुर बताए | नीतिपथ के लिए पूजा मिश्रा की रिपोर्ट
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लोकसभा चुनाव में हार के बाद BSP की बैठक, मायावती ने भतीजे आकाश को फिर दिया ये अहम पद

क्या [BSP] बहुजन समाज पार्टी में सब कुछ ठीक हो गया है … क्या Akash Anand की गलतियों को मायावती ने कर दिया माफ बसपा अध्यक्ष मायावती ने अपने भतीजे AKASH ANAND को फिर एक बार सौपी उतराधिकारी पद की जिम्मेदारियां… लोकसभा चुनाव के बाद BSP ने लखनऊ कार्यालय हुई बैठक के दौरान मायावती ने भतीजे आकाश की पीठ थपथपाई . आपको बता दे कि 47 दिनो पहले लोकसभा चुनाव के बीच में ही आकाश के विवादित बयानों के कारण उन्हें अपरिक्व करार करते हुए …. पार्टी के सभी पदों से हटा दिया था . मायावती ने अपने एक्स पर. आखिर क्या है ,AKASH ANAND की वापसी की वजह   त्रों  की माने तो आकाश की वापसी तो होनी ही थी . दरअसल इस बार के लोकसभा चुनाव में पार्टी कुछ खास प्रदर्शन नही कर पाई है .जिसके पीछे की वजह कही न कही AKASH ANAND को पार्टी के पदों से हटाना भी बताया जा रहा है . फिलहाल पार्टी के पास मायावती के अलावा कोई खास बड़ा चेहरा नही है  और ऐसे में मायावती के बाद आकाश को ही पार्टी के बढे चेहरे के रुप में देखा रहा था . जो  पार्टी में युवाओ की पंसद थे. ऐसे में लखनऊ की बैठक में जिस अन्दाज़ में मायावती ने आकाश आनंद के सिर पर हाथ रखा, उससे इस बात के क़यास लगाया जा  है… कि मायावती आकाश आनंद की वापसी का फ़ैसला ले सकती हैं . दरसल ,उन्होनें अपनी कुछ रैलीयों में कई आपतिजनक टिप्पणियां की थी … जैसे सीतापूर की एक रैली के दौरान उन्होने बीजेपी को आतंकवादियों की पार्टी कहा था . ऐसे ही कई बयान उनकी रैलियों से आए . जिसके बाद उनके खििलाफ एफआईआर दर्ज की गई. वहीं जानकारों का यह भी कहना है कि शुरुआती चरणों के चुनाव में ही बीएसपी को अहसास हो गया था कि प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहने वाला है। ऐसे में वह नहीं चाहती थीं कि हार का ठीकरा आकाश के सिर फूटे।  फिलहाल बसपा में क्या चल रहा है  मायावती ने कहा कि केंद्र की NDA सरकार स्थिर नहीं है। ऐसे में BSP के संगठन को मजबूत करके जनाधार को युद्धस्तर पर बढ़ाने के लिए काम करें। हर स्तर पर पार्टी को मजबूत बनाएं। उन्होंने यह भी कहा कि लोकसभा चुनाव में विपक्षी पार्टियों ने ‘संविधान बचाओ‘ जैसे मुद्दे भी उठाए। इस तरह के गलत प्रचार से लोग गुमराह हुए और अपनी पार्टी को नुकसान हुआ। बीएसपी ने सदस्यता शुल्क 200 रुपये से घटाकर 50 रुपये कर दिया है। फैसला हुआ कि बीएसपी इस बार यूपी का उपचुनाव मजबूती से लड़ेगी। किसी राज्य में चुनाव पूर्व गठबंधन नहीं होगा। फिलहाल पार्टी में उपचुनाव की तैयारियों की भी चर्चा तेज है .   Khushi Sharma
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तीसरी बार फिर Modi सरकार, NDA 3.O सरकार ने ली संविधान की शपथ

Narendra Modi 3.o में देश के प्रधामंत्री अपने मंत्रियो क टीम के साथ देश की सेवा करने को तैयार मोदी 3.0, Narendra Modi ने रविवार को प्रधानमंत्री पद के लिए तीसरी बार शपथ ली। देश की राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने शपथ दिलाई। 18वी लोकसभा चुनाव में NDA को बहुमत मिलने के बाद नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार शपथ ली और देश के पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बराबरी की। प्रधान मानती के साथ-साथ 71 मंत्रियों ने शपथ ली……. इसमें 30 कैबिनेट मंत्री , 5 सवतंत्र प्रभार और 36 राज्य मंत्री है। जिसमे मंत्रिपरिषद में पिछली सरकार के अधिकतर प्रमुख चेहरों को शामिल किया गया। जिसमे अमित शाह, राजनाथ सिंह, निर्मला सीतारमण और एस. जयशंकर के अलावा पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, अश्विनी वैष्णव, गजेन्द्र सिंह शेखावत और हरदीप सिंह पुरी ने शपथ ली यानी ये एक बार फिर सरकार में है । केंद्रीय मंत्रिपरिषद में नए चेहरों में मनोहर लाल खट्टर, सी आर पाटिल, शिवराज सिंह चौहान, बंडी संजय कुमार और रवनीत सिंह बिट्टू शामिल हैं। नई गठबंधन सरकार में 71 मंत्रियों की सूची में 30 कैबिनेट मंत्री, 5 स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री और 36 राज्य मंत्री शामिल हैं। विभागों की घोषणा अभी नहीं की गई है। हालांकि, मोदी 3.0 के गठन में अखिल भारतीय प्रतिनिधित्व और गठबंधन सहयोगियों पर पर्याप्त ध्यान दिया गया है। इस बार मंत्रियो के नए चेहरे इस बार Narendra Modi सरकार में ज्यादातर नए चेहरे भाजपा के सहयोगी दलों से हैं। 11 सहयोगी दलों से भी मंत्री बने है। जिसमे 7 मंत्रीपरिसदो के पदो पर महिलाएं है। तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के राम मोहन नायडू, चंद्रशेखर पेम्मासानी, और जनता दल से राजीव रंजन सिंह ऊर्फ ललन सिंह और रामनाथ ठाकुर, शिवसेना के प्रतापराव जाधव के अलावा लोक जनशक्ति पार्टी के चिराग पासवान, हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के जीतन राम मांझी, जनता दल से एच डी कुमारस्वामी, राष्ट्रीय लोक दल के जयंत चौधरी, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के रामदास आठवले और अपना दल अनुप्रिया पटेल मंत्रिपरिषद के सदस्य के रूप में भी शपथ ली। भाजपा से ज्योतिरादित्य सिंधिया, भूपेंद्र यादव, प्रह्लाद जोशी, गिरिराज सिंह, अर्जुन राम मेघवाल, जितेंद्र सिंह, एसपीएस बघेल, अन्नपूर्णा देवी, वीरेंद्र कुमार, पंकज चौधरी, शोभा करंदलाजे, कृष्ण पाल गुर्जर ने भी मंत्री पद की शपथ ली। भाजपा के जी किशन रेड्डी, सुकांत मजूमदार, राव इंद्रजीत सिंह, नित्यानंद राय ने भी शपथ ली। इस बार Narendra Modi मंत्रिमंडल में इस बार कई चौकाने वाले कुछ नाम चुनाव में हार के बाद भी बने मंत्री पंजाब से रवनीत सिंह बिट्ट और तमिलनाडु से मुरुगन को मंत्रिमंडल में जगह मिली है। उनमें दो ऐसे चेहरों को भी जगह मिली, जो लोकसभा चुनाव हार गए है। सबसे हैरतअंगेज रहे नामों में पंजाब के लुधियाना से BJP उम्मीदवार रवनीत सिंह बिट्टू और तमिलनाडु के नीलगिरी के उम्मीदवार एल. मुरुगन माने जा रहे है। पंजाब वाले नाम शामिल है। बिहार में BJP ने ब्राह्मण चेहरे के तौर पर सतीश दुबे को आगे किया है।   खुशी शर्मा की रिपोर्ट
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