Nitipath

तीसरी बार फिर Modi सरकार, NDA 3.O सरकार ने ली संविधान की शपथ

Narendra Modi 3.o में देश के प्रधामंत्री अपने मंत्रियो क टीम के साथ देश की सेवा करने को तैयार मोदी 3.0, Narendra Modi ने रविवार को प्रधानमंत्री पद के लिए तीसरी बार शपथ ली। देश की राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने शपथ दिलाई। 18वी लोकसभा चुनाव में NDA को बहुमत मिलने के बाद नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार शपथ ली और देश के पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बराबरी की। प्रधान मानती के साथ-साथ 71 मंत्रियों ने शपथ ली……. इसमें 30 कैबिनेट मंत्री , 5 सवतंत्र प्रभार और 36 राज्य मंत्री है। जिसमे मंत्रिपरिषद में पिछली सरकार के अधिकतर प्रमुख चेहरों को शामिल किया गया। जिसमे अमित शाह, राजनाथ सिंह, निर्मला सीतारमण और एस. जयशंकर के अलावा पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, अश्विनी वैष्णव, गजेन्द्र सिंह शेखावत और हरदीप सिंह पुरी ने शपथ ली यानी ये एक बार फिर सरकार में है । केंद्रीय मंत्रिपरिषद में नए चेहरों में मनोहर लाल खट्टर, सी आर पाटिल, शिवराज सिंह चौहान, बंडी संजय कुमार और रवनीत सिंह बिट्टू शामिल हैं। नई गठबंधन सरकार में 71 मंत्रियों की सूची में 30 कैबिनेट मंत्री, 5 स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री और 36 राज्य मंत्री शामिल हैं। विभागों की घोषणा अभी नहीं की गई है। हालांकि, मोदी 3.0 के गठन में अखिल भारतीय प्रतिनिधित्व और गठबंधन सहयोगियों पर पर्याप्त ध्यान दिया गया है। इस बार मंत्रियो के नए चेहरे इस बार Narendra Modi सरकार में ज्यादातर नए चेहरे भाजपा के सहयोगी दलों से हैं। 11 सहयोगी दलों से भी मंत्री बने है। जिसमे 7 मंत्रीपरिसदो के पदो पर महिलाएं है। तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के राम मोहन नायडू, चंद्रशेखर पेम्मासानी, और जनता दल से राजीव रंजन सिंह ऊर्फ ललन सिंह और रामनाथ ठाकुर, शिवसेना के प्रतापराव जाधव के अलावा लोक जनशक्ति पार्टी के चिराग पासवान, हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के जीतन राम मांझी, जनता दल से एच डी कुमारस्वामी, राष्ट्रीय लोक दल के जयंत चौधरी, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के रामदास आठवले और अपना दल अनुप्रिया पटेल मंत्रिपरिषद के सदस्य के रूप में भी शपथ ली। भाजपा से ज्योतिरादित्य सिंधिया, भूपेंद्र यादव, प्रह्लाद जोशी, गिरिराज सिंह, अर्जुन राम मेघवाल, जितेंद्र सिंह, एसपीएस बघेल, अन्नपूर्णा देवी, वीरेंद्र कुमार, पंकज चौधरी, शोभा करंदलाजे, कृष्ण पाल गुर्जर ने भी मंत्री पद की शपथ ली। भाजपा के जी किशन रेड्डी, सुकांत मजूमदार, राव इंद्रजीत सिंह, नित्यानंद राय ने भी शपथ ली। इस बार Narendra Modi मंत्रिमंडल में इस बार कई चौकाने वाले कुछ नाम चुनाव में हार के बाद भी बने मंत्री पंजाब से रवनीत सिंह बिट्ट और तमिलनाडु से मुरुगन को मंत्रिमंडल में जगह मिली है। उनमें दो ऐसे चेहरों को भी जगह मिली, जो लोकसभा चुनाव हार गए है। सबसे हैरतअंगेज रहे नामों में पंजाब के लुधियाना से BJP उम्मीदवार रवनीत सिंह बिट्टू और तमिलनाडु के नीलगिरी के उम्मीदवार एल. मुरुगन माने जा रहे है। पंजाब वाले नाम शामिल है। बिहार में BJP ने ब्राह्मण चेहरे के तौर पर सतीश दुबे को आगे किया है।   खुशी शर्मा की रिपोर्ट
Read more
Nitish Kumar

बिहार में लोकसभा चुनाव परिणाम से कैसे नीतीश कुमार का राजनीतिक कद बढ़ा

लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद जदयू ने ऐलान किया कि 2025 के विधानसभा चुनाव का नेतृत्व Nitish kumar करेंगे। अब भाजपा के नेता डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा ने भी इस बात पर मुहर लगा दी है को 3.53 प्रतिशत कम वोट आया। हार-जीत का अंतर भी कम हुआ है। इसके बावजूद जदयू ने अपने आधार महिलाओं का समर्थन भी बना रहा। लोकसभा चुनाव में बिहार के भाजपा नेता सक्रिय थे। उनकी खूब सभाएं हुई। उम्मीदवारों ने और नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम पर वोट मांगा। दूसरी तरफ जदयू राज्य सरकार की उपलब्धियों के आधार पर वोट मांगता रहा। औरंगाबाद, जमुई और नवादा की सभाओं को छोड़ दें तो नीतीश कुमार पीएम मोदी की अधिसंख्य सभाओं में मंच पर नजर नहीं आए। पीएम के मंच पर हिन्दू- मुस्लिम आधार पर ध्रुवीकरण के लायक भाषण होते थे। जो कि नीतीश के लिए असहज हो सकता था। कैसे बिहार में लोकसभा चुनाव परिणाम ने बढ़ाया Nitish Kumar का Confidence वोटों को बचाकर रखा। कुछ क्षेत्रों में उसे मुसलमानों का भी वोट मिला। जदयू के प्रति अत्यंत पिछड़ों और आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद नीतीश कुमार Nitish Kumar और टीडीपी मुखिया चंद्रबाबू नायडू किंगमेकर बनकर उभरे हैं. एनडीए को 543 में से 293 सीटें मिलीं जबकि INDIA ब्लॉक को 233 जगहें मिल सकीं. भाजपा को 240 सीटों के साथ बहुमत तो मिला, लेकिन वो मैजिक नंबर 272 को नहीं छू सकी, जिसके दम वो अकेले सरकार बना सकती थी. भाजपा समेत पूरा एनडीए फिलहाल आंध्रप्रदेश की तेलुगु देशम पार्टी और बिहार के जनता दल (यूनाइटेड) के भरोसे है, नीतीश की पार्टी जेडीयू को 12 सीटें मिली हैं जो एनडीए में टीडीपी (16) के बार सबसे बड़ी भागीदार है. लोकसभा चुनाव परिणाम से पहले क्यु थे Nitish Demotivated 2020 के विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद नीतीश कुमार की राजनीतिक क्षमता पर कई बार प्रश्न खड़े हुए। राजद से गठबंधन के समय नीतीश ने इतना तक कह दिया कि अगला विधानसभा चुनाव तेजस्वी यादव के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। उनके फिर से एनडीए में आने के समय भी कहा जाने लगा कि 2025 में विस चुनाव की अगुआई भाजपा करेगी। जदयू की सिर्फ 43 सीटों पर जीत हुई थी। भाजपा के मनुहार पर नीतीश मुख्यमंत्री बने। लेकिन, जल्द ही भाजपा के कुछ नेता उनपर अपमानजक टिप्पणी करने लगे। नीतीश जो एनडीए में बड़े भाई की भूमिका में थे, भाजपा के कई नेता उन्हें छोटा भाई बताने लगे। नीतीश महागठबंधन से जुड़े। सत्ता के प्रति उनका वैराग्य भी प्रकट होने लगा और यहाँ तक नीतीश ने यह तक कहना शुरू कर दिया था मुझे किसी पद की ख्वाहिश नहीं है| ऐसे ही खबरो के लिए जुङे रहे नीतिपथ से आपकी क्या राय है comment box में जरुर बताए |   नीतिपथ के लिए पूजा मिश्रा की रिपोर्ट
Read more