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चिराग पासवान

चिराग पासवान का बेबाक बयान: मुख्यमंत्री की भूमिका, अग्निवीर योजना और दलित राजनीति पर चर्चा

बिहार के Union Minister चिराग पासवान  ने हाल ही Interview में कई सवालों का बेबाकी से जवाब दिया। जब उनसे पूछा गया कि क्या वह खुद को मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में देखते हैं, तो उन्होंने कहा कि इस पर चर्चा करना अभी ठीक नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि मौजूदा मुख्यमंत्री के guidance में अगला चुनाव लड़ा जाएगा और नीतीश कुमार गठबंधन का एक मजबूत हिस्सा हैं।चिराग ने अग्निवीर योजना पर अपने विचार साझा करते हुए कहा कि पहले उनके कुछ सवाल थे, लेकिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से चर्चा के बाद उनकी Doubts दूर हो गईं। चिराग पासवान का राजनीतिक लक्ष्य: पार्टी को मजबूत करना उन्होंने कहा कि इस योजना के बारे में उनके पास अब कोई शिकायत नहीं है और वह इसके साथ असहमत होने का कोई कारण नहीं देखते।जब दलित राजनीति को लेकर उनकी पार्टी की सीमित presence पर सवाल उठाया गया, तो चिराग ने कहा कि उनके पिता ने बिहार की राजनीति पर जोर दिया था। उन्होंने अपने पार्टी विस्तार की योजनाओं का भी जिक्र किया और कहा कि उनकी पार्टी झारखंड और नागालैंड में भी चुनाव लड़ेगी।चिराग पासवान ने यह भी बताया कि उनके पास पिछले कुछ वर्षों में पार्टी के भीतर से कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन अब उनकी पार्टी ने लोकसभा चुनाव में 100 प्रतिशत स्ट्राइक रेट दर्ज किया। चिराग पासवान का मुख्यमंत्री बनने की संभावनाओं पर बयान उन्होंने जोर दिया कि दलित समुदाय हमेशा उनकी प्राथमिकता में रहेगा, लेकिन युवाओं और महिलाओं के मुद्दों पर भी उनका ध्यान है।चिरागने यह भी कहा कि बिहार में चुनावों के दौरान व्यक्तिगत टिप्पणियां और अफवाहें आम हैं, खासकर नीतीश कुमार की सेहत को लेकर। उन्होंने कंगना रनौत के साथ अपने संबंधों का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी पुरानी पहचान है, लेकिन वायरल हुई तस्वीरों के संदर्भ में थोड़ी अजीब स्थिति बनी।इन सब बातों के बीच, चिराग पासवान ने अपने राजनीतिक Aims को स्पष्ट किया और दिखाया कि वे अपनी पार्टी को और मजबूत बनाने के लिए restricted हैं। ऐसे ही और अपडेट के लिए बने रहें नितिपथ के साथ। धन्यवाद| Pooja Mishra
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CBI ने Land for Job घोटाले

CBI की कार्रवाई को मिली मंजूरी – लालू प्रसाद यादव के खिलाफ Land for Job घोटाले पर

CBI ने लालू प्रसाद यादव के खिलाफ land for job मुकदमा चलाने की मंजूरी दी Central Bureau of Investigation (CBI) ने बिहार के पूर्व CM और Rashtriya Janata Dal (RJD) के नेता लालू प्रसाद यादव के खिलाफ land for job पर मुकदमा चलाने की मंजूरी अदालत में पेश की है। land for job कार्रवाई के लिए CBI ने home ministry से आवश्यक इजाज़त लि है, जिसे Special CBI Judge ने स्वीकार कर लिया। CBI ने अदालत को सूचित किया है कि land for job scam में 30 से ज्यादा लोग आरोपियों के खिलाफ इलजाम की मंजूरी अभी pending है। इसके लिए CBI ने और भी 15 दिन का समय मांगा है, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया और मामले की प्रक्रिया में तेजी लाने की निर्देश दिया। अगली सुनवाई 15 अक्टूबर को होगी।इस मामले में CBI द्वारा 7 जून को दाखिल किए गए महत्वपूर्ण charge sheet पर विचार चल रहा है। CBI ने Land for Job घोटाले में लालू प्रसाद यादव के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति ली Special Public Prosecutor के representative ने बताया कि आरोपियों में से कई लोक सेवकों के खिलाफ अभी भी इलजाम की मंजूरी का इंतजार है। आरोपपत्र में लालू प्रसाद यादव के अलावा 77 अन्य आरोपियों का नाम शामिल है, जिनमें 38 candidate भी हैं।लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव जैसे परिवार के सदस्यों पर जमीन के बदले नौकरी के मामले में आरोप लगाए गए हैं। इस मामले में जमानत पाने वाले नेताओं में ये सभी शामिल हैं।इससे पहले, लालू प्रसाद यादव चारा घोटाले में भी आरोपी रहे हैं, जिसे स्वतंत्र भारत के सबसे बड़े भ्रष्टाचार मामलों में से एक माना जाता है। 1996 में हुए इस घोटाले में लगभग 950 करोड़ रुपये की सरकारी राशि का फर्जीवाड़ा किया गया था, जिसके चलते उन्हें मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था।भाजपा ने इस मामले को लेकर CBI जांच की मांग की थी, जिससे भारत की राजनीति में भूचाल आ गया था। चारा घोटाले में दोषी ठहराए जाने के बाद लालू प्रसाद यादव लोकसभा से अयोग्य घोषित कर दिए गए थे, और चुनाव आयोग के नए नियमों के अनुसार वे 11 साल तक चुनाव नहीं लड़ सकेंगे।इस पूरे मामले में न्यायपालिका और मीडिया की activity ने CBI की कार्रवाई को गति दी है। राजनीतिक गलियारे में इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, सभी की निगाहें आने वाले सुनवाई पर टिकी हैं। इस विषय पर और अपडेट के लिए बने रहें नितिपथ के साथ। धन्यवाद! –Pooja Mishra
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one nation one election

भारत में ‘one nation one election’ प्रस्ताव को यूनियन कैबिनेट ने दी मंजूरी

भारत में one nation one election के प्रस्ताव को Union Cabinet ने मंजूरी दे दी है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की रिपोर्ट को हरी झंडी देते हुए, सरकार इसे आने वाले शीतकालीन सत्र में बिल के रूप में पेश कर सकती है। Union Home Minister Amit Shah ने इसे सरकार की प्राथमिकताओं में से एक बताया था।महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि इससे समय और धन की बचत होगी। उनका कहना था कि आचार संहिता लागू होने पर विकास कार्य रुक जाते हैं, इसीलिए यह कदम जरूरी है।विपक्ष ने इस प्रस्ताव पर मिश्रित प्रतिक्रियाएँ दी हैं। RJD नेता मनोज झा ने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर किसी राज्य की सरकार गिर जाती है, तो अगले चुनाव तक क्या व्यवस्था होगी? AAP नेता संदीप पाठक ने इसे BJP का नया जुमला बताया, यह कहते हुए कि पार्टी पहले ही कई राज्यों में चुनाव कराने में असमर्थ रही है। Lok Janshakti Party के नेता चिराग पासवान ने इसे ऐतिहासिक कदम बताया, जिसके द्वारा चुनावी खर्च में कमी आएगी और विकास कार्यों में तेजी आएगी। उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव लोकतंत्र को मजबूत करेगा।समर्थकों का तर्क है कि एक साथ चुनाव कराने से सरकारी खर्चों में भारी कमी आएगी और प्रशासनिक कार्यों में सुधार होगा। रिपोर्ट के अनुसार, 2019 के लोकसभा चुनावों में लगभग 60,000 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। one nation one election: संसाधन बचत और लोकतंत्र सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हालांकि, इस प्रस्ताव को लागू करने के लिए संविधान में संशोधन और सभी राज्यों की मंजूरी की आवश्यकता होगी। इसमें 18 संवैधानिक संशोधनों की सिफारिश की गई है, जिनमें से अधिकांश को राज्य विधानसभा की पुष्टि की आवश्यकता नहीं होगी, लेकिन संसदीय अनुमोदन जरूरी है। one nation one election का उद्देश्य संसाधनों की बचत करना, development को बढ़ावा देना और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सशक्त बनाना है। इस पर आगे की चर्चा और सहमति बनाने की process शुरू की जाएगी, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी राजनीतिक दल और राज्य इस दिशा में आगे बढ़ें। इस विषय पर और अपडेट के लिए बने रहें नितिपथ के साथ। Pooja Mishra
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