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BJP की दोहरी रणनीति: Haryana और Jammu – Kashmir में चुनावी मैदान में अलग-अलग हथकंडे

BJP की दोहरी चाल: Haryana और Jammu – Kashmir में अलग रणनीति Bharatiya Janata Party (BJP) आने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर Haryana और Jammu – Kashmir में पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतरी है, लेकिन दोनों राज्यों में पार्टी की रणनीति में स्पष्ट अंतर नजर आ रहा है।  में जहां पार्टी ने पारिवारिक राजनीति को बढ़ावा दिया है, वहीं जम्मू-कश्मीर में पार्टी ने नए और सरप्राइजिंग चेहरों पर फोकस किया है।हरियाणा में बीजेपी ने टिकट बंटवारे में फैमिली कार्ड का इस्तेमाल किया है। पार्टी ने कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई, किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी, केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत की बेटी आरती सिंह राव, और कई अन्य नेताओं के परिवार के सदस्यों को टिकट दिया है। इसके विपरीत, जम्मू-कश्मीर में बीजेपी ने नए चेहरों को टिकट देने पर जोर दिया है। पार्टी ने शगुन परिहार को किश्तवाड़ सीट से उम्मीदवार बनाया है, जो एक आतंकी हमले में अपने पिता को खो चुकी हैं। इस रणनीति के तहत बीजेपी ने अनुभवी चेहरों की बजाय नए और आश्चर्यजनक व्यक्तियों को चुनावी मैदान में उतारा है। हरियाणा में पार्टी ने जातीय गणित को साधने की कोशिश की है, जबकि जम्मू-कश्मीर में सामाजिक समीकरण पर ध्यान केंद्रित किया गया है। हरियाणा में बीजेपी ने ओबीसी और जाट जातियों पर फोकस किया है, जबकि जम्मू-कश्मीर में पार्टी ने कश्मीरी विस्थापितों, गुर्जर-बकरवाल और पहाड़ी समुदायों को साधने की रणनीति अपनाई है।बगावत नियंत्रण की रणनीति में भी दोनों राज्यों में भिन्नता दिखाई दे रही है। हरियाणा में बीजेपी ने वेट एंड वॉच की मुद्रा अपनाई है, जबकि जम्मू-कश्मीर में पार्टी ने तत्काल नियुक्तियों के माध्यम से नाराजगी को निपटाने की कोशिश की है। जम्मू-कश्मीर में टिकट नहीं मिलने के बाद कुछ वरिष्ठ नेताओं ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने की घोषणा की है, जिसे पार्टी ने ताबड़तोड़ नियुक्तियों के जरिए कंट्रोल करने का प्रयास किया है।फ्रीबिज के मामले में भी दोनों राज्यों में बीजेपी की रणनीति अलग है। जम्मू-कश्मीर में पार्टी ने डायरेक्ट कैश बेनिफिट और अन्य लाभों का वादा किया है, जबकि हरियाणा में इस तरह के ऐलान की कोई जानकारी नहीं है। हालांकि, चुनावी लड़ाई की कड़ी टक्कर को देखते हुए संभावना जताई जा रही है कि हरियाणा में भी इसी तरह के लाभों की घोषणा की जा सकती है। हालांकि, हरियाणा में BJP को एक के बाद बाद कुछ झटके लगे हैं..पार्टी की टिकटों की सूची के जारी होने के बाद वहां के पूर्व डिप्टी स्पीकर और बीजेपी महिला मोर्चा की उपाध्यक्ष संतोष यादव ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने पार्टी के भीतर कार्यकर्ताओं की उपेक्षा और एक व्यक्ति विशेष के अहंकार के आगे झुकने का आरोप लगाया है। यह स्थिति पार्टी के लिए एक नई चुनौती पैदा करती है, खासकर हरियाणा में जहां चुनाव नजदीक हैं और परिणामों की प्रतीक्षा की जा रही है।इन सभी घटनाक्रमों से स्पष्ट है कि बीजेपी दोनों राज्यों में चुनावी रणनीति के मामले में पूरी तरह से अलग-अलग दृष्टिकोण अपना रही है, जो आगामी चुनाव परिणामों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती है। Pooja Mishra
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Haryana elections तारीख बदलने की मांग BJP और INLD

Haryana elections की तारीख बदलने की मांग पर BJP-INLD की आपत्ति, विपक्ष ने उठाए सवाल

Haryana elections तारीख बदलने की मांग BJP और INLD Haryana विधानसभा चुनाव के लिए चुनावी बिगुल बज चुका है। election Commission ने vote की तारीख 1 अक्टूबर निर्धारित की है, लेकिन अब BJP और इंडियन नेशनल लोक दल (INLD) ने इस तारीख में बदलाव की मांग की है। दोनों पार्टियों ने चुनाव आयोग को इस संबंध में पत्र लिखा है। मंगलवार, 27 अगस्त तक इस मांग पर कोई फैसला होने की संभावना है।BJPऔर INLD की मांग के पीछे लंबी छुट्टियों का हवाला दिया जा रहा है। दोनों पार्टियों का कहना है कि 28 और 29 सितंबर को शनिवार और रविवार की छुट्टियां हैं। इसके बाद 1 अक्टूबर को मतदान है और 2 अक्टूबर को गांधी जयंती, 3 अक्टूबर को अग्रसेन जयंती की छुट्टियां हैं।पार्टी नेताओं का कहना है कि इन छुट्टियों के कारण कई लोग 30 सितंबर की छुट्टी लेकर लंबा वीकेंड बना सकते हैं। इस स्थिति में मतदान प्रतिशत पर असर पड़ सकता है क्योंकि बहुत से लोग छुट्टियों पर जा सकते हैं और vote के दिन voters कम हो सकते हैं। विपक्ष ने इस मांग को BJP की चुनावी हार के डर से जोड़कर देखा है। Former Chief Minister Bhupendra Hooda ने कहा कि चुनाव आयोग ने जो तारीख तय की है, उसी अनुसार चुनाव होना चाहिए। हुड्डा का कहना है कि Haryana के लोग BJP की सरकार को सत्ता में एक दिन भी देखना नहीं चाहते। सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने भी कहा कि इस मांग से पता चलता है कि BJP चुनाव से कितनी डरी हुई है।BJP ने विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज किया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता अनिल विज ने कहा कि अगर चुनाव कल भी हो, तो भी BJP तैयार है। उन्होंने बताया कि पार्टी ने दो दिनों तक चली मैराथन बैठक में हर विधानसभा सीट के लिए तीन से चार संभावित उम्मीदवारों की सूची केंद्रीय चुनाव समिति को भेज दी है।अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या चुनाव आयोग इस मांग पर विचार करेगा और मतदान की तारीख बदलेगा? इस पर मंगलवार, 27 अगस्त को फैसला होने की संभावना है। चुनाव आयोग की एक मीटिंग होने की उम्मीद है| Pooja Mishra
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