सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer ) : कारण, लक्षण, निदान और उपचार
इस बार की अंतरीम बजट में वित् मंत्री निर्मला सीता रमण ने 1 फरवरी को बजट पेश करते हुए यह घोषणा की है सरकार (Cervical Cancer) सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए 9 से 14 वर्ष के आयु वर्ग की लड़कियों के टीकाकरण को प्रोत्साहित करेगी. सरकार के इस ऐलान पर हेल्थ सेक्टर और मेडिकल एक्सपर्ट्स की तरफ से पॉजीटिव रिएक्शन आया है. मेडीवेज हेल्थ फाउंडेशन ने वित्त मंत्री के इस ऐलान की तारीफ की है. कुछ पहेले के रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हर साल लगभग 80,000 महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर होता है. करीब 35,000 महिलाओं की इसके कारण मृत्यु हो जाती है.अब आइये हम आपको बताते है सर्वाइकल कैंसर होता क्या है.सर्विक्स (cervix) से शुरू होने वाला कैंसर. सर्विक्स को हिंदी में गर्भाशय ग्रीवा या बच्चेदानी का मुंह भी कहा जाता है. ये महिलाओं को होने वाले कैंसर के चार मुख्य प्रकारों में भी शामिल है और इसकी वजह से दुनियाभर में हर साल तीन लाख से ज़्यादा महिलाओं की मौत होती है.शुरुआत में सर्वाइकल कैंसर के लक्षणों को पहचानना मुश्किल हो सकता है। हालांकि, जब समय के साथ जब बीमारी बढ़ती है तो शरीर के कुछ बदलावों से इसे पहचाना जा सकता है
1. पेशाब में ब्लड आना
2. बार-बार पेशाब आना, यूरीन पास पर कट्रोल नहीं रहना।
3. असामान्य ब्लीडिंग
4.पीठ दर्द या पेल्विक रीजन में दबाव
5. पेट में ऐंठन जैसा दर्द
6. पीरियड्स के दौरान ज्यादा ब्लीडिंग
इसके कारण जिससे हमे ये सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer ) होता है |
1. यौन संचारित संक्रमणों के संपर्क में आने की संभावना अधिक होना,कम उम्र में पहली बार यौन समागम करना, एक से अधिक यौन साथी होना, या जिनके यौन संचारित संक्रमणों के जोखिम कारक हैं वैसे यौन साथी होना|
2. मौखिक गर्भ निरोधकों (जन्म नियंत्रण की गोलियां) का उपयोग करना
3. सिगरेट पीना (धूम्रपान करना)
4. वल्वा (भग), योनि या गुदा में कैंसर पूर्व के बदलाव या कैंसर होना
5. कमज़ोर प्रतिरक्षा प्रणाली होना (कैंसर या एड्स जैसे विकार के कारण या कीमोथेरपी दवाओं या कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स जैसी दवाओं के कारण
सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) से बचाव केसे करें?
सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer ) को एचपीवी वैक्सीनेशन और आधुनिक स्क्रीनिंग टेक्नोलॉजों का प्रयोग कर के रोका जा सकता है।सरकार सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए 9 से 14 वर्ष के आयु वर्ग की लड़कियों के टीकाकरण को प्रोत्साहित भी करेगी और उपलब्ध भी है | पैप स्मीयर टेस्ट और एचपीवी स्क्रीनिंगद के साथ सर्वाइकल स्क्रीनिंग सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए बहुत जरूरी है।
आइये अब सर्वाइकल कैंसर के इलाज के निमन्लिखित तरीको को जानते है |
सर्वाइकल कैंसर का उपचार संभव है। यदि पहले सर्वाइकल कैंसर के लक्षणों का पता चल जाता है, तो इसका इलाज किया जा सकता है।
1. कीमोथेरेपी – इसमें शरीर में मौजूद कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने के लिए दवाओं का प्रयोग किया जाता है। इसमें दवाओं का उपयोग चरणों में किया जाता है, ताकि दवाओं को शरीर में काम करने के लिए समय मिल सके।
2. कीमोरेडिएशन – किमोरेडिएशन में कीमोथेरेपी और रेडिएशन दोनों का संयोजन होता है।
3. सर्जरी – गर्भाशय ग्रीवा कैंसर को हटाने के लिए सर्जरी की जा सकती है। यह कैंसर कहां पर और कितना फैला हुआ है, यह पता चलने के बाद सर्वाइकल कैंसर सर्जरी के प्रकार को निर्धारित किया जाता है। साथ में यह भी पता किया जाता है कि सर्जरी के बाद आप गर्भधारण करना चाहती है या नहीं।
4. रेडिएशन थेरेपी- इसमें हाई-एनर्जी एक्स-रे बीम का प्रयोग कर के कैंसर कोशिकाओं का हटाया जाता है। यह कैंसर के कुछ चरणों में उपयोग किया जाता है। इस तकनीक का उपयोग अन्य उपचार तकनीक के साथ संयोजन में किया जाता है |
सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) सारांश
ब्रेस्ट कैंसर के बाद सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer )दूसरा सबसे ज्यादा होने वाला कैंसर है। ये एक जानलेवा बीमारी है, लेकिन सही समय पर इलाज मिल जाए तो इससे बचा जा सकता है। ये महिलाओं के निचले यूटरस के हिस्सा में मौजूद सेल्स गर्भाशय ग्रीवा में तेजी से विकसित होता है।
सर्वाइकल कैंसर होने का मुख्य कारण ह्यूमन प्रेपिलोमा वायरस (HPV) होता है। इस वायरस के संक्रमण के कारण सर्वाइकल कैंसर होने का खतरा सबसे ज्यादा होती है। माना जाता है कि असुरक्षित यौन संबंध बनाने पर ये फैलता है। इस बीमारी में गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाएं प्रभावित हो जाती हैं। इसकी वजह से सर्विवस के इनर टिशू पर असर होता है और फिर यह शरीर के अन्य भागों में भी फैल जाते हैं। सर्वाइकल कैंसर को एचपीवी वैक्सीनेशन और आधुनिक स्क्रीनिंग टेक्नोलॉजों का प्रयोग कर के रोका जा सकता है। इसकी वैक्सीन 9 से 26 सात के लड़कियों के लिए उपलब्ध है। पैप स्मीयर टेस्ट और एचपीवी स्क्रीनिंगद के साथ सर्वाइकल स्क्रीनिंग सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए बहुत जरूरी है।
Pooja Mishra