Nitipath

Dushyant Chautala

Dushyant Chautala हरियाणा की सियासत में नीतीश कुमार जैसा रोल क्यों तलाश रहे हैं?

हरियाणा के Former Deputy CM Dushyant Chautalaआने वाले चुनावों में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तरह किंगमेकर नहीं, बल्कि किंग बनने की कोशिश में हैं। उन्होंने हाल ही में कहा कि इस बार “ताला भी हमारा होगा और चाबी भी हमारी होगी,” जिससे उनके इरादे स्पष्ट हो गए हैं।दुष्यंत ने नीतीश कुमार का जिक्र करते हुए बताया कि कैसे नीतीश ने अपनी पार्टी के साथ 42 विधायकों के बावजूद BJP के साथ मिलकर सरकार बनाई। नीतीश कुमार की तरह किंग बनने की तैयारी उनका इशारा साफ था कि वे हरियाणा में भी ऐसा ही राजनीतिक समीकरण बनाने की योजना बना रहे हैं।दुष्यंत चौटाला की रणनीति में कुछ प्रमुख बिंदु शामिल हैं। पहला, उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान स्थानीय युवाओं के लिए 75% Reservation और पंचायतों में महिलाओं के लिए 50% Reservation की बात की है। उनका फोकस न केवल जाट समुदाय पर है, बल्कि वह खुद को एक युवा और महिला supporters नेता के रूप में स्थापित करना चाहते हैं। दुष्यंत चौटाला: किंगमेकर या किंग? दूसरा, हरियाणा में BJP और Congress के बीच मुख्य मुकाबला होने के बावजूद, क्षेत्रीय पार्टियों के लिए राजनीतिक अवसर मौजूद हैं। Dushyant Chautala के लिए INLD के कमजोर होने के बाद JJP के रूप में एक मजबूत क्षेत्रीय विकल्प स्थापित करना फायदेमंद हो सकता है।तीसरा, Dushyant Chautala ने झारखंड और कर्नाटक में हंग असेंबली के उदाहरणों का हवाला दिया, जहां छोटे दलों ने महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाईं। उनका मानना है कि हरियाणा में भी ऐसे समीकरण बन सकते हैं, जिसमें JJP एक प्रमुख भूमिका निभा सकती है। हरियाणा की राजनीति में क्षेत्रीय दलों के लिए अवसर Dushyant Chautala की नीतीश कुमार की तरह किंग बनने की कोशिश हरियाणा की राजनीति में क्षेत्रीय दलों की बढ़ती ताकत को दर्शाती है। उनका फोकस महिलाओं और युवाओं पर है, और वे JJP के माध्यम से एक मजबूत विकल्प पेश करने के लिए तैयार हैं। अब देखना यह है कि क्या Dushyant Chautala अपनी रणनीति को सफल बना पाते हैं या फिर उन्हें किंगमेकर की भूमिका में संतोष करना पड़ेगा। ऐसे ही और अपडेट के लिए बने रहें नितिपथ के साथ। धन्यवाद| Pooja Mishra
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बजरंग पूनिया की राजनीति में एंट्री: खुड्डन गांव के पहलवानों की मिली-जुली प्रतिक्रिया

ओलंपिक मेडलिस्ट बजरंग पूनिया की राजनीति में एंट्री ने हरियाणा के कुश्ती जगत में हलचल मचा दी है। 30 वर्षीय पहलवान ने हाल ही में कांग्रेस पार्टी जॉइन की है और अब वे आने वाले विधानसभा चुनावों में अपनी किस्मत आजमाने के लिए तैयार हैं। लेकिन उनके इस फैसले पर गांव खुड्डन के लोग, विशेषकर पहलवानों, की राय क्या है?बजरंग का गांव खुड्डन उनके कुश्ती करियर के साथ-साथ उनके राजनीतिक सफर का भी गवाह है। गांव की सड़कें बारिश से बदहाल हैं, लेकिन यहां की मिट्टी में कुश्ती का जुनून रचा-बसा है। बजरंग के दादा और पिता भी पहलवान रहे हैं, और बजरंग ने महज 5-6 साल की उम्र में पहलवानी की ट्रेनिंग शुरू की थी।गांव की निवासी सरिता ने बताया, “बजरंग के माता-पिता ने कहा था कि हमारे पास पैसे नहीं हैं, लेकिन हम तुझे दूध-घी की कमी महसूस नहीं होने देंगे। इसी से उन्होंने अपनी डाइट को बनाए रखा।”जब बात हुई बजरंग की राजनीति में एंट्री की, तो गांव में लोगों की राय बंटी हुई दिखी। कुछ लोग मानते हैं कि खिलाड़ी को खेल पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। एक निवासी ने कहा, “हम ओलंपिक्स में रेसलिंग में अभी भी गोल्ड का इंतजार कर रहे हैं।”हालांकि, बजरंग के चचेरे भाई रवींद्र ने उनका support करते हुए कहा, “बहुत लोगों की आस बजरंग से जुड़ी हुई है। हमें उम्मीद है कि वे खिलाड़ियों के लिए सुविधाएं उपलब्ध करवाएंगे।”गांव के अखाड़े में मस्तूराम पहलवान ने कहा, “बजरंग का राजनीति में जाना सही है। एक खिलाड़ी ही दूसरे खिलाड़ी का भला कर सकता है। अगर बजरंग राजनीति में सफल होते हैं, तो इससे गांव के बच्चों में प्रेरणा पैदा होगी।”हालांकि, गांव में सुविधाओं का अभाव अभी भी बना हुआ है। मिंटू पहलवान ने कहा, “गांव में जिम और मैट की सुविधाएं नहीं हैं। अगर हमारे गांव में भी छत्रसाल स्टेडियम जैसी सुविधाएं होतीं, तो हम भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीत सकते थे।”बजरंग की राजनीति में एंट्री ने जहां कुछ लोगों को प्रेरित किया है, वहीं अन्य की आशंकाएं भी हैं। गांव की लड़कियां भी पहलवानी कर रही हैं, लेकिन सुविधाओं के अभाव में उन्हें बाहर के अखाड़ों में जाना पड़ता है।बजरंग पूनिया की राजनीतिक यात्रा अब गांव खुड्डन के लोगों की उम्मीदों और सवालों के साथ जुड़ गई है। क्या वे अपने गांव के लिए कुछ कर पाएंगे? यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन उनके निर्णय ने गांव की सूरत को बदलने की एक नई कहानी शुरू कर दी है। ऐसे ही और अपडेट के लिए बने रहें नितिपथ के साथ। धन्यवाद! Pooja mishra 
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हरियाणा में कुमारी शैलजा के अपमान पर सियासी हलचल: खट्टर का ऑफर

हरियाणा में कुमारी शैलजा के अपमान पर सियासी हलचल: खट्टर का ऑफर

हरियाणा की राजनीति में एक नई हलचल देखने को मिल रही है, जब BJP के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कांग्रेस की दलित नेता कुमारी शैलजा को पार्टी में शामिल होने का ऑफर दिया। खट्टर ने आरोप लगाया कि शैलजा का कांग्रेस में अपमान हुआ है, जिसके चलते वे हाल के दिनों में पार्टी के प्रचार से दूर हैं।खट्टर ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा, “कुमारी शैलजा को गालियां दी गईं हैं और अब वे घर बैठी हैं। इस अपमान के बावजूद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा और गांधी परिवार को कोई शर्म नहीं आई।” उन्होंने यह भी कहा कि BJP ने कई नेताओं को अपने साथ लाने में सफलता पाई है और वे शैलजा को भी अपने पाले में लाने के लिए तैयार हैं।कुमारी शैलजा, जो पहले कांग्रेस की एक प्रमुख दलित नेता मानी जाती थीं, पिछले हफ्ते से active नहीं हैं और अपने supports से ही मिल रही हैं। कुमारी शैलजा का अपमान: हरियाणा में दलित वोट बैंक की राजनीति में गर्मी उनकी इस नाराजगी ने हरियाणा की चुनावी राजनीति में गर्मी बढ़ा दी है। दलित वोट बैंक की राजनीति करने वाली पार्टियां भी शैलजा को अपने पाले में लाने का कोशिश कर रही हैं।BJP ने कांग्रेस पर तीखा जवाब देते हुए कहा कि यदि वे अपनी दलित नेता कुमारी शैलजा का सम्मान नहीं कर पा रही हैं, तो प्रदेश के बाकी दलितों का क्या करेंगी। इस बीच, बहुजन समाज पार्टी (BSP) के राष्ट्रीय कॉर्डिनेटर आकाश आनंद ने भी शैलजा के बहाने कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “कुमारी शैलजा जैसी दलित नेता के साथ कांग्रेस का व्यवहार उनकी दलित विरोधी मानसिकता को दिखाता है। “आकाश ने राहुल गांधी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि उनकी पार्टी आरक्षण खत्म करने की सोच रखती है और दलितों के सम्मान का कोई ख्याल नहीं रखती।इस प्रकार, कुमारी शैलजा का मुद्दा हरियाणा की राजनीति में एक नई बहस का विषय बन गया है, जहां दलित वोट बैंक की राजनीति को लेकर सियासी दलों के बीच जंग छिड़ गई है। यह देखना दिलचस्प होगा कि शैलजा इस सियासी खींचतान में क्या कदम उठाती हैं और किस दिशा में जाती हैं। ऐसे ही और अपडेट के लिए बने रहें नितिपथ के साथ। धन्यवाद! Pooja Mishra
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हरियाणा चुनाव: कांग्रेस नेता शमशेर सिंह गोगी का विवादित बयान वायरल

हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान करनाल से कांग्रेस नेता शमशेर सिंह गोगी का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें उन्होंने एक controversial बयान दिया है। असंध से कांग्रेस विधायक गोगी ने चुनाव प्रचार के दौरान कहा कि यदि उनकी सरकार आती है, तो असंध का हिस्सा होगा और वे अपने रिश्तेदारों को खुश करेंगे। उन्होंने कहा, “जो हमारी मदद में आ रहे हैं, जो भाईचारे में आ रहे हैं, हम पहले अपना घर तो भरेंगे ही।” इस बयान के बाद BJP ने कांग्रेस की मंशा पर सवाल उठाए हैं।गोगी ने वायरल वीडियो पर reaction देते हुए कहा कि वह अपने बयान पर कायम हैं और उनका मकसद यह था कि असंध जब जिला बनेगा तो उसे इंडस्ट्रियल हब बनाएंगे, जिससे उनके दोस्तों और रिश्तेदारों का भी भला होगा। उन्होंने नायब सिंह सैनी पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्हें पहले अपना घर बचा लेना चाहिए। इसी बीच, फरीदाबाद एनआईटी से कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा का भी एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने कहा था कि 50 वोट पर उनकी सरकार एक नौकरी देगी। कांग्रेस के इन नेताओं के बयानों ने पार्टी के लिए परेशानी खड़ी कर दी है।इस चुनावी माहौल में भारत की स्टार महिला पहलवान विनेश फोगाट भी जींद जिले की जुलाना सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं। शमशेर सिंह गोगी का विवादास्पद बयान: असंध को इंडस्ट्रियल हब बनाने का वादा हाल ही में, विनेश ने जींद में चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस के चुनाव चिन्ह की तुलना थप्पड़ से करते हुए कहा, “ताई हाथ का निशान, थप्पड़ का काम करेगा।” उनका यह बयान भी चर्चा का विषय बना हुआ है। विनेश ने यह कहा कि 5 तारीख को ये थप्पड़ दिल्ली में जाकर लगेगा, और 10 साल में जो अपमान हुआ है, उसका बदला लेना है।विनेश फोगाट, जो ओलंपिक में बिना पदक लौटने के बावजूद देशभर में सहानुभूति का केंद्र बनीं, ने कहा कि वे अपनी पगड़ी और आत्मसम्मान की रक्षा के लिए चुनावी मैदान में उतरी हैं। उनके मुकाबले में भारत की पहली महिला डब्ल्यूडब्ल्यूई रेसलर कविता दलाल और एअर इंडिया के पूर्व कैप्टन योगेश बैरागी भी हैं, जिससे चुनावी मुकाबला और भी रोचक हो गया है।हरियाणा के इस चुनाव में कांग्रेस के लिए शमशेर सिंह गोगी और विनेश फोगाट के बयानों ने एक नया विवाद खड़ा किया है। दोनों नेताओं के बयानों और उनकी चुनावी रणनीतियों का आगे क्या असर होगा, यह देखना दिलचस्प होगा। ऐसे ही और खबरों के लिए जुङे रहे नीतिपथ न्युज से जय हिन्द | Pooja Mishra
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हरियाणा चुनाव: कांग्रेस की दूसरी लिस्ट में ब्रिजेंद्र सिंह, वर्धन यादव और मोहित ग्रोवर को टिकट

हरियाणा चुनाव: कांग्रेस की दूसरी लिस्ट में 9 उम्मीदवारों का एलान, गठबंधन पर चर्चा जारी

Haryana Congress की दूसरी लिस्ट:9 उम्मीदवारों के नामों का एलान हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के लिए कांग्रेस ने रविवार देर रात दूसरी लिस्ट जारी कर दी है। हरियाणा कांग्रेस की दूसरी लिस्ट में 9 उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं। उचाना कलां से बृजेंद्र सिंह, बादशाहपुर से यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव वर्धन यादव और गुड़गांव सीट से हाल ही में कांग्रेस में आए मोहित ग्रोवर को टिकट दिया है।9 उम्मीदवारों के लिए जारी की गई कांग्रेस की दूसरी लिस्ट में थानेसर से अशोक अरोड़ा, गनौर से कुल्दीप शर्मा, उचाना कलां से ब्रिजेंद्र सिंह, तोहाना से परमवीर सिंह, तोशाम से अनिरुद्ध चौधरी, मेहम से मंजू चौधरी, नांगल चौधरी मंजु चौधरी, बादशाहपुर से वर्धन यादव और गुरुग्राम से मोहित ग्रोवर का नाम शामिल है।इस सूची के साथ ही कांग्रेस ने 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए कुल 41 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। कांग्रेस ने शुक्रवार को चुनाव के लिए 32 उम्मीदवारों की घोषणा की, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को गढ़ी सांपला-किलोई से, राज्य इकाई के प्रमुख उदय भान को होडल से और पहलवान विनेश फोगट को जुलाना से मैदान में उतारा गया है।पार्टी ने पहले 31 उम्मीदवारों की सूची जारी की और थोड़ी देर बाद एक बयान में कहा कि सीईसी ने इसराना (अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित) निर्वाचन क्षेत्र से बलबीर सिंह की उम्मीदवारी को मंजूरी दे दी है। बलबीर सिंह इसराना से मौजूदा विधायक हैं। इस पुरानी पार्टी ने अपने सभी 28 विधायकों को फिर से उम्मीदवार बनाया है। हरियाणा चुनाव: कांग्रेस की दूसरी लिस्ट में ब्रिजेंद्र सिंह, वर्धन यादव और मोहित ग्रोवर को टिकट हुड्डा, भान और फोगट के अलावा, कांग्रेस ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के खिलाफ लाडवा से मेवा सिंह को भी मैदान में उतारा है। कांग्रेस हरियाणा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी (आप) के साथ सीट बंटवारे पर भी बातचीत कर रही है, जिसमें दोनों पक्षों की ओर से सीटों को लेकर बातचीत चल रही है।हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी को झटका देते हुए पार्टी नेता आदित्य चौटाला ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया और इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) में शामिल हो गए हैं। इनेलो ने डबवाली विधानसभा क्षेत्र से आदित्य चौटाला को अपना उम्मीदवार भी घोषित किया। पार्टी सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला ने आदित्य को टिकट दिया।आदित्य चौटाला हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री देवीलाल के पोते भी हैं। इनेलो में शामिल होने के बाद आदित्य ने कहा कि उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के लिए 10 साल तक कड़ी मेहनत की है, लेकिन फिर भी उन्हें पटरी से उतारने की कोशिश की गई। 2019 के विधानसभा चुनावों में भाजपा 40 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बन गई और कांग्रेस ने 30 सीटें जीतीं। –Pooja Mishra
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हरियाणा विधानसभा चुनाव: विनेश फोगाट जुलाना सीट से कांग्रेस की उम्मीदवार घोषित

हरियाणा विधानसभा चुनाव: विनेश फोगाट जुलाना सीट से कांग्रेस की उम्मीदवार घोषित

हरियाणा विधानसभा चुनाव: कांग्रेस ने पहली सूची जारी की, पहलवान विनेश फोगाट जुलाना से चुनावी मैदान में हरियाणा विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस ने अपनी पहली उम्मीदवार सूची जारी कर दी है। इस सूची में 31 प्रत्याशियों के नाम शामिल हैं, जिसमें एक प्रमुख नाम पहलवान विनेश फोगाट का है। विनेश फोगाट को जुलाना विधानसभा सीट से कांग्रेस की ओर से उम्मीदवार घोषित किया गया है।पहलवान विनेश फोगाट ने शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात के बाद पार्टी जॉइन की थी। उनकी इस राजनीतिक यात्रा में उनके साथ मशहूर पहलवान बजरंग पूनिया भी कांग्रेस में शामिल हुए हैं।विनेश फोगाट का यह पहला चुनाव है, और वे इसे अपने ससुराल जुलाना से शुरू कर रही हैं। जुलाना की जनता उन्हें एक प्रमुख पहलवान के रूप में जानती और सराहती है। यह सीट विनेश के लिए खास है क्योंकि उनके ससुराल का गांव बख्ता खेड़ा जुलाना विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है। वहीं, उनके मायके का गांव बलाली चरखी-दादरी विधानसभा क्षेत्र के तहत आता है। कांग्रेस में शामिल होने के बाद, विनेश फोगाट ने कहा, “जब मेरी बहनों के लिए कोई नहीं होगा, तो कांग्रेस और मैं उनके साथ होंगे। लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है, यह जारी है और हम इसे जीतेंगे। नए मंच के साथ, हम देश की सेवा के लिए अपनी पूरी मेहनत करेंगे। जैसे हमने खेल के मैदान में अपना दिल लगाकर खेला, वैसे ही हम अपने लोगों के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ देंगे।”कांग्रेस की पहली सूची में विनेश फोगाट का नाम और उनका जुलाना से चुनाव लड़ना इस बार की विधानसभा चुनावों को लेकर चर्चाओं में है। जुलाना की सीट पर उनकी संभावनाओं पर नजरें टिकी हुई हैं, और देखना यह होगा कि वे अपनी पहलवानी की तरह राजनीति के मैदान में भी सफलता प्राप्त कर पाती हैं या नहीं। –Pooja Mishra 
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